ऐ कलम मेरी, मेरे अल्फाज़ लिख दो।
ऐ कलम मेरी, मेरे अल्फाज़ लिख दो।
दिल में दबी जो बात है, वो राज़ लिख दो।
कहने को हूं बेचैन, पर कैसे कहूं मैं..
अनकही वो बात, वो आवाज़ लिख दो।।
जिंदगी का ग़म, उन टूटे दिलों को।
खुशियों का वो कल, उन बीते पलों को।
चाह में उसके जो थे सपने सजाए..
तन्हाई की रात की, वो बात लिख दो ।।
दूर होकर पास का एहसास है जो।
वो मेरी है यह मेरा विश्वास है जो।
प्यार में खोकर भी पाने की वो हसरत..
ये मोहब्बत का मेरा अंदाज लिख दो ।।
– आकाश त्रिपाठीमेरे अश्क़ और इश्क़..
मेरे अश्क़ और इश्क़ में बस फ़र्क यही है,
अश्क़ जीने नहीं देती, इश्क़ मरने नहीं देता।
अल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020
कलाकार बनूं, या ना भी बनूं।
कलाकार बनूं, या ना भी बनूं।
पर इंसान तो अच्छा बन जाऊं।
हॅंस कर मैं चुरा लूं ग़म सारा..
चाहूं बस यही, हरपल चाहूं।।- आकाश त्रिपाठी
हैं शिकायतें बहुत..
हैं शिकायतें बहुत इस ज़माने को मुझसे
पर वक्त ज़ाया करना मुझे आता नहीं।
-आकाश त्रिपाठीमेरे अन्दाज़ बोलेंगे..
अब तो कुछ काम करने लगे हैं..
लोग हमसे कुछ इस कदर जलने लगे हैं
महफ़िल खुद की सजा कर, चर्चे हमारे करने लगे हैं
खुश हूँ मैं ये जानकर..
कि नफरत से ही सही, पर उनकी जुबां पर मेरा नाम तो है
वैसे तो निठल्ले थे वो, अब तो कुछ काम करने लगे हैं..कितना यकीं दिलायूँ..
कितना यकीं दिलायूँ,
अपने वफा होने का
इससे अच्छा तो सितम करता,
तो खुद यकीं मान जाते लोग
था वहम मेरा..
था वहम मेरा, कि वो भी प्यार करते हैं।
चाहत भरे दिल से, वो इन्त्ज़ार करते हैं।
वो फ़िर जाएंगे फ़िर, ये सोचा नहीं मैंने,
मतलब के बने लोग, कहाँ प्यार करते हैं।चलो मेरे साथ
चलो मेरे साथचलो मेरे साथ, अब दूर जाना नहीं।
मैं सिर्फ़ तुम्हरा हि हूँ, ये भूल जाना नहीं।रूठो मगर, मान जाया करो।
ये हक़ है तुम्हारा, न घबराया करो।उठो,
चलो मेरे साथ, ज़िद न करो मान जाया करो।
मैं सिर्फ़ तुम्हरा हि हूँ, न घबराया करो।
युं रोते हुये, अछ्छि लगती नहीं
तुम रोते हुये भी, मुस्कुरया करो।मेरे दिल में बसी, तुम मेरी जान हो।
हर उमंगों की मेरी, तुम अरमान हो।युं ही रूठा करो, मैं मनाता रहूँ।
तुम रूठो मगर, मान जाया करो।
ये हक़ है तुम्हारा, न घबराया करो।आओ, चलो मेरे साथ..
-आकाश त्रिपाठीअल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020
मैं ग़लत हूं कुछ की नज़रों में
क्यूं बयां करूं, मैं कैसा हूं
मैं जानता हूं, मैं जैसा हूं।मुझे नहीं सफाई देनी है,
मुझे नहीं गवाही देनी है,
मैं जैसा हूं सब जानता हूं।
मैं खुद को खूब पहचानता हूं,
मैं सही हूं, खुद की नज़रों में।
मैं ग़लत हूं कुछ की नज़रों में,अल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020
ख़ामोश ही रहना अच्छा है..
मैं अपने जज़्बात लिखूं,
या, मैं अपने हालात लिखूं।
मैंने तो मोहब्बत दिल से किया,
फिर मैं, क्यूं ? अपनी औकात लिखूं।
मोहब्बत की शुरुआत लिखूं ,
या उसकी बातें खास लिखूं।
पर जो चोट लगी है दिल पर आज ,
इस दिल की, क्या मैं बात लिखूं।
अब ना कहना कुछ अच्छा है,
ना लिखना कुछ अच्छा है।
हर गम को छुपा कर सीने में,
ख़ामोश ही रहना अच्छा है।
– आकाश त्रिपाठीअल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020
रो पड़ता हूं ये सोच-सोच..
रो पड़ता हूं ये सोच-सोच,
किस हाल में जीती होगी तुम
होकर तन्हा, हो होकर हताश,
मेरी याद में होती होगी गुमसुनो जान न रुठो ऐसे
मैं तो हरपल हूं पास तेरे
आंखें मूंदो, महसूस करो
तेरे हांथों में हैं हाथ मेरेना दूर तू मुझसे जाएगी
ना दूर तुझे जाने दूंगा
गर मौत भी लेने आयेगी
तो तुझे बाहों में छुपा लूंगा-आकाश त्रिपाठीअल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020
हर वक्त बस है धोखा..
किस पर करें यकीं हम, किस पर करें भारोसा।
हर बात में है मतलब, हर वक्त बस है धोखा।
ज़िससे वफ़ा की चाहत, मिली ज़फा उसीसे।
किस्मत को दोष दूँ मैं, या दोष ज़िन्दगी का।अल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020
खुश है वो देखो कितना..
खुश है वो देखो कितना,
मेरे टूटने के बाद ।
देखा भी न मुड के पीछे,
मेरे रूठने के बाद ।अल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020
कल मिलोगी जब तुम मुझसे,
कल मिलोगी जब तुम मुझसे,
तो शायद मैं कुछ कह पाऊं।
हो सकता है ऐसा भी,
कि कहते-कहते रुक जाऊं।पर दिल की सारी बातें,
मेरी ये आंखें बोलेंगी।
जब तेरी प्यारी दो आंखें,
दिल का दरवाजा खोलेंगी।मेरी लफ़्ज़ों के इंतजार में,
कहीं खो न देना उन लम्हों को।
छू लेना मेरे लब होंठों से,
जब सामने तेरे हम हों तो।अल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020
क्युं आँख तेरी भर आयी है..
क्युं होंठों पर है ख़ामोशी, क्युं मायूसी सी छाई है
बोलो न ज़रा कुछ बोलो न, क्युं आँख तेरी भर आयी हैकिस सोच में खोये बैठे हो, किस याद में डूबे हो आख़िर
क्या दिल पे लगी है चोट कोई, या सीने में उठी तन्हाई हैबोलो न ज़रा कुछ बोलो न, क्युं आँख तेरी भर आयी है
क्या दिल को किसी ने तोड़ा है, क्या छोड़ा है किसी ने राहों में
या झटका है उसी के हांथो ने, महफूज़ थी तुम जिन बाहों में
आंखों में क्युं लाचारी है, क्युं खिलती कली मुरझाई हैबोलो न ज़रा कुछ बोलो न, क्युं आँख तेरी भर आयी है
-आकाश त्रिपाठी
अल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020
दिल खोल के लुटा देती है
तेरी दरियादिली का बखान कैसे करूँ,
जो तू ज़ख्म पे ज़ख्म, दिल खोल के लुटा देती है ।-आकाश त्रिपाठीअल्फ़ाज़ – ए – आकाश No.2 Amazing Post 2020