इतना आसां नहीं होता किसी को भूल पाना,
जब कोई धीरे-धीरे दिल में उतरता है।– आकाश त्रिपाठी
मेरी कलम से.. 01 Most Popular Post 2024
फिर वो मुझसे रूठ गयी…
फिर वो मुझसे रूठ गयी।
कुछ उसके जज़बात थे,
कुछ मेरे हालत थे,
न जाने क्या वो बात थे,
जो फिर वो मुझसे रूठ गयी।उसने कुछ मुझसे कहा नहीं,
मैने भी उससे कुछ कहा नहीं,
आँखों ही आँखों में बात हुई,
पर फिर वो मुझसे रूठ गयी।न जाने कब वो बोलेगी,
न जाने क्या मैं बोलूंगा
आखिर क्या एेसी बात हुई,
जो फिर वो मुझसे रूठ गयी।-आकाश त्रिपाठी
मेरी कलम से.. 01 Most Popular Post 2024
कहना तो था उससे, पर कह न सका।
कहना तो था उससे, पर कह न सका,
जाते – जाते भी रह न सका ।
मुड कर देखा उसे, और फिर सोचा कुछ कहूँ
पर कहना तो चाहा, पर कह न सका ।देखा तो था उसने मुझे एक बार प्यार से
तभी मुझे उसे बता देना था ।
क्या पता वो सोच रही हो कि, मैं ही पहले इज़हार करूँ ।
मैंने होंठ तो खोले थे, उससे बोलने के लिये
पर उस वक़्त कहना तो चाहा, पर कह न सका ।मैं उसे एक टक देख रहा था, कितनी प्यारी लग रही थी वो ।
नज़रें झुका के, थोड़ा सा शरमा के, मुस्कुरा रही थी वो ।
एक बार उसने नज़र उठाया तो था, मुझसे नज़र मिलाने को ।
पर मैं ही उससे नज़र मिला न सका ।
कहना तो चाहा, पर कह न सका ।मुड कर देखा उसे, और फिर सोचा कुछ कहूँ,
पर कहना तो चाहा, पर कह न सका ।-आकाश त्रिपाठी
मेरी कलम से.. 01 Most Popular Post 2024
आज मिलेगी वो मुझसे…
आज मिलेगी वो मुझसे, मिलने मुझे बुलाया है ।
शायद, आज उसे मेरा वो पहला प्यार याद आया है ।एक पल था, जब साथ-साथ हम, दोनो खेला करते थे ।
एक पल था, जब साथ-साथ हम, मेला जाया करते थे ।
एक पल था, जब वो सर पर, ऊंगुलिया फेरा करती थी ।
एक पल था, जब वो छुप कर, फिर मुझको हेरा करती थी ।
वो पल कब के बीत गए, अब नया वक़्त फिर आया है ।
आज मिलेगी वो मुझसे, मिलने मुझे बुलाया है ।एक पल था, हम ज़रा-ज़रा पर, लड़ते और झगड़ते थे ।
एक पल था, हम छुप-छुप कर, दोनो बातें करते थे ।
वो पल भी आया जीवन में, जब मैने दिल की बात कही ।
उस दिन से न वो बोली मुझसे, इक शब्द भी मुझसे कही नहीं ।
उस पल कुछ न मैं समझ सका, आखिर क्यूँ, मुझको ठुकराया है।
आज मिलेगी वो मुझसे, मिलने मुझे बुलाया है।
शायद, आज उसे मेरा वो पहला प्यार याद आया है ।मेरी कलम से.. 01 Most Popular Post 2024
वो पल मैं कैसे बतलाऊं..
उस पल का क्या बखान करूँ,
जिस पल उसका दीदार किया।
वो पल मैं कैसे बतलाऊं,
किस पल मैं उससे प्यार किया।जब भीगी-भीगी जुल्फों ने,
जब बिन काज़ल की आँखों ने,
जब मीठी-मीठी बातों ने,
था उस पल मुझपे वार किया।
वो पल मैं कैसे बतलाऊं,
किस पल मैं उससे प्यार किया।जब उसके रंग फिजाओं में,
जब उडती जुल्फ हवाओं में,
जब गोरी-गोरी बाहों ने,
था उस पल मेरा शिकार किया।
वो पल मैं कैसे बतलाऊं,
किस पल मैं उससे प्यार किया।-आकाश त्रिपाठी (जानू)
मेरी कलम से.. 01 Most Popular Post 2024
आखिर क्यूँ उसका ख्याल, बार -बार आता है ?
अक्सर दिल में न जाने क्यूँ, एक सवाल आता है।
आखिर क्यूँ उसका ख्याल, बार -बार आता है ?
न मैं जानता हूँ उसको, न मेरा उससे कोई नाता है।
आखिर क्यूँ उसका ख्याल, बार-बार आता है ?बस एक ही बार तो मिले थे हम, बस एक ही बार तो देखा था।
फिर भी ऐसा क्यूँ लगता है, कि जन्मों-जन्मों का नाता है।
आखिर क्यूँ उसका ख्याल, बार-बार आता है ?गर मिलेगी मुझसे फिर वो कभी, तो उससे मैं ये पूँछूँगा।
क्या उसको भी, मेरा चेहरा, सारी रात जगाता है ?
आखिर क्यूँ उसका ख्याल, बार-बार आता है ?अक्सर दिल में न जाने क्यूँ, एक सवाल आता है।
आखिर क्यूँ उसका ख्याल, बार -बार आता है ?-आकाश त्रिपाठी
मेरी कलम से.. 01 Most Popular Post 2024